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Environment Hindi Class

विगत कक्षा एवं आज की कक्षा के उद्देश्यों की चर्चा (11:15:56 AM)

हाईड्रोजन ऊर्जा (11:30:33 AM):

  • जब हाइड्रोजन गैस का वायु में या ईंधन सेल में दहन होता है, तो यह ऑक्सीजन के साथ मिलकर गैर-प्रदूषणकारी जलवाष्प निर्मुक्त करती है, और ईंधन सेल हाइड्रोजन को सीधे विद्युत में परिवर्तित करता है।
  • ईंधन के रूप में हाइड्रोजन के व्यापक प्रयोग से वायु प्रदूषण की समस्या और वैश्विक उष्णता (Global Warming) के संकट को काफी हद तक कम किया जा सकता है, क्योंकि इससे कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन नहीं होता है।
  • हाइड्रोजन, ऊर्जा का एक स्वच्छ स्रोत हो सकता है लेकिन वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए बड़ी मात्रा में शुद्ध हाइड्रोजन प्राप्त करना एक मुख्य समस्या है क्योंकि हाइड्रोजन ऑक्सीजन, कार्बन और नाइट्रोजन जैसे अन्य तत्वों के साथ संयोजित होता है।
  • इस प्रकार, हाइड्रोजन का उत्पादन जल या कार्बनिक यौगिकों जैसे कि मीथेन आदि से करना पड़ता है, जिसके लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है। वर्तमान में हाइड्रोजन का ईंधन के रूप में उत्पादन, उपलब्ध ऊर्जा का उपयोग करके किया जाता है जो कि अत्यधिक महंगा है।
  • उत्पादन विधि के आधार पर हाइड्रोजन की श्रेणियों का स्पष्टीकरण 

हाईड्रोजन ऊर्जा के लाभ: (11:52:14 AM)

  • आयात में कमीः
    • एक कुशल ईंधन के रूप में हाइड्रोजन कच्चे तेल के आयात को कम करने में सहायता करता है। साथ ही, अमोनिया उत्पादन के लिए फीडस्टॉक (कच्चे माल) के रूप में इसका उपयोग भारत के उर्वरक आयात को भी कम करता है।
    • भारत विश्व में तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जिसके लिए देश को तेल के आयात पर बहुत अधिक निर्भर रहना पड़ता है।
  • उत्पादन स्रोतों की प्रचुरता:- हाइड्रोजन का उत्पादन स्थानीय रूप से मीथेन, गैसोलीन, जैवभार, कोयला या जल जैसे कई स्रोतों से किया जा सकता है।
  • उच्च दक्षताः- हाइड्रोजन, ऊर्जा का एक दक्ष स्रोत है। इसका अर्थ है कि हाइड्रोजन ऊर्जा का प्रयोग करने वाला वाहन, पेट्रोल का प्रयोग करने वाले वाहन की तुलना में, ईंधन की समान मात्रा का प्रयोग करके अधिक दूरी तय कर सकता है।
  • उच्च ऊर्जा घनत्वः- हाइड्रोजन में किसी भी अन्य ईंधन की तुलना में प्रति द्रव्यमान/मोल सबसे अधिक ऊर्जा होती है। यह 120 मेगा जुल/किग्रा है, जो डीजल या गैसोलीन से लगभग तीन गुना अधिक है।
  • गैर-प्रदूषणकारी और विकार्बनीकरण (Decarbonising) करने में सहायक :
    • ईंधन के रूप में हाइड्रोजन का प्रयोग उपयोग स्तर पर CO2 से संबंधित उत्सर्जन को काफी कम कर सकता है। इसके लिए यदि हरित हाइड्रोजन का प्रयोग किया जाता है तो इसमें संपूर्ण मूल्य शृंखला के विकार्बनीकरण करने की क्षमता होती है।
    • साथ ही, यह उत्सर्जन को और जलवायु परिवर्तन के खतरों को कम करता है। हाइड्रोजन ईंधन सेल, उत्सर्जन के रूप मैं केवल जल वाष्प और ऊष्मा निर्मुक्त करते हैं और इससे कोई ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जित नहीं होती हैं।
  • ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति- हाइड्रोजन एक केंद्रीकृत या विकेन्द्रीकृत तरीके से ऊर्जा की आपूर्ति एवं मांग के मध्य सामंजस्य स्थापित कर सकता है, जिससे समग्र ऊर्जा प्रणाली में लचीलापन बढ़ता है।

हाइड्रोजन आधारित अर्थव्यवस्था के विकास में चुनौतियां (11:59:46 AM)

  • ऊर्जा गहनः उदाहरण के लिए हरित हाइड्रोजन हेतु विद्युत अपघटन संयंत्र (जो जल को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करते हैं) को विद्युत उपलब्ध कराने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन का बड़े पैमाने पर विस्तार करने की आवश्यकता है।
  • उत्सर्जनः ग्रे हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए प्राकृतिक गैस पुनःसंभावन प्रक्रिया (मीथेन पुनःसंभावन) में एक जीवाश्म ईंधन की आवश्यकता होती है। इस प्रक्रिया के दौरान कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन होता है। अतः यह जलवायु अनुकूल (climate friendly) नहीं है।
  • भंडारणः हाइड्रोजन को भंडारित करना भी कठिन है, भंडारण के लिए इसे 700 गुना वायुमंडलीय दाब तक संपीडन एवं - 253 डिग्री सेल्सियस पर प्रशीतन की आवश्यकता होती है। साथ ही यह को भंगुर (Embrittle) कर सकता है और अधिक विस्फोटक होता है।
  • अतिरिक्त लागतः केंद्रीयकृत उत्पादन के मामले में, अत्यधिक मितव्ययता के कारण हाइड्रोजन उत्पादन की लागत कम होती है लेकिन परिवहन और वितरण (Transmission & Distribution: T&D) की लागत अधिक होती है, जबकि विकेन्द्रीकृत उत्पादन में ईंधन भरने वाले केंद्रों (स्थल पर ही इलेक्ट्रोलाइजर या पुनः संभावक का उपयोग करके) पर, T&D की लागत कम होती है, लेकिन उत्पादन लागत बहुत अधिक होती है।

हाइड्रोजन ऊर्जा (Hydrogen Energy) के संदर्भ में योजनाएं / नीतियां / पहलें:

  • राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन।
  • राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा रोडमैप ।
  • 2020 में, दिल्ली हाइड्रोजन-समृद्ध CNG वाली बसों का परिचालन करने वाला भारत का पहला शहर बन गया।
  • नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा लेह में हाइड्रोजन ईंधन सेल-आधारित बस परियोजना की शुरुआत की जाएगी।
  • राष्ट्रीय जल विज्ञान पोर्टल।
  • स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण की सुविधा के लिए हाइड्रोजन वैली प्लेटफॉर्म (मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत हाइड्रोजन परियोजनाओं के विकास को बढ़ावा देकर और नीति निर्माताओं के बीच जागरूकता बढ़ाकर)।

हैंडआउट के माध्यम से राष्ट्रीय हरित हाईड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission)की चर्चा (12:17:46 PM):

  • मिशन के बारे में 
  • मिशन के घटक एवं उप घटक 
  • मिशन से अपेक्षित परिणाम 
  • मिशन से संबंधित चुनौतियाँ 
  • हरित हाइड्रोजन बाजार बढ़ाने की चुनौतियाँ एवं अपेक्षित हस्तक्षेप 

सेमी कंडक्टर के बारे में चर्चा (12:23:43 PM)

महासागरीय तापीय ऊर्जा (12:26:14 PM):

  • राष्ट्रीय महासागर प्रौ‌द्योगिकी संस्थान (NIOT) द्वारा भारत का पहला महासागर तापीय ऊर्जा रूपांतरण (OTEC) संयंत्र स्थापित किया जा रहा है।
  • NIOT, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (MoES) के अधीन कार्यरत एक स्वायत्त संस्थान है।
  • यह OTEC संयंत्र लक्षद्वीप के कवरत्ती में स्थापित किया जा रहा है। इस संयंत्र की क्षमता 65 किलोवाट (KW) है।
  • इस संयंत्र में स्वदेशी प्रौदयोगिकी का उपयोग किया गया है।

महासागर तापीय ऊर्जा रूपांतरण (OTEC)

  • नोट: इस संदर्भ में विस्तृत सूचना हैंडआउट के माध्यम से प्रदान की गई है।

OTEC से संबंधित चुनौतियाँ:

  • उच्च अग्रिम (अप-फ्रंट) पूंजीगत लागतः उच्च अग्रिम पूंजी लागत तथा पंपिंग और पाइपिंग अवसंरचना के रख-रखाव में भी अत्यधिक लागत आती है। यह व्यापक पैमाने पर स्थापित करने पर ही किफायती होगा।
  • कम अनुसंधान एवं विकास (Less R&D):अधिकतर OTEC प्रौद्योगिकियां फिलहाल अपने अनुसंधान और विकास के चरण या व्यावसायिकरण के आरंभिक चरण में चरण में हैं।
  • पर्यावरणीय चिंताएं:
    • OTEC संयंत्रों से अपेक्षाकृत ठंडे, सघन और पोषणयुक्त जल की निकासी;
    • समुद्री जीवों का केबल में उलझना और फंसना;
    • मशीनों से होने वाला शोर;
    • समुद्री जल में जीव नाशियों या अन्य संभावी प्रदूषकों के दुर्घटनावश बहाव आदि से समुद्री जीवों तथा पारितंत्र पर बुरा प्रभाव।

आगे की राह:

  • OTEC संयंत्रों को स्थापित करने के लिए वित्तीय और नीतिगत सहायता में तेजी लाना।
  • महासागर ऊर्जा क्षेत्रक में अनुसंधान और विकास पर निवेश करना तथा बढ़ावा देना।
  • उपयुक्त व्यवहारिक स्थानों पर OTEC की प्रायोगिक परियोजनाओं को स्थापित करते हुए परियोजना ING को लागू करने से पहले पर्यावरणीय प्रभावों का व्यापक पैमाने पर आकलन करना चाहिए।

मेथेनॉल मिश्रण (12:45:07 PM):

  • जैव ईंधन के प्रकार-पीढ़ियों का स्पष्टीकरण (12:58:13 PM)
  • मेथेनॉल के उपयोग के लाभ
  • मेथेनॉल के उपयोग से होने वाली हानियाँ
  • राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति (1:07:56 PM)
  • प्रधानमंत्री जी-वन योजना
  • नोट: उक्त सभी संदर्भों में विस्तृत सूचना हैंडआउट के माध्यम से प्रदान की गई है।

स्टूडेंट्स के डाउट्स पर चर्चा (1:18:29 PM)

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