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राष्ट्रीय किसान दिवस (23 दिसंबर): भारतीय कृषि - स्थिति, चुनौतियाँ और भविष्य

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राष्ट्रीय किसान दिवस (23 दिसंबर): भारतीय कृषि - स्थिति, चुनौतियाँ और भविष्य

राष्ट्रीय किसान दिवस (23 दिसंबर): भारतीय कृषि - स्थिति, चुनौतियाँ और भविष्य
23 Dec 2025
Table of Contents

प्रतिवर्ष 23 दिसंबर को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती को 'राष्ट्रीय किसान दिवस' (National Farmers' Day) के रूप में मनाया जाता है। जहाँ यह दिवस ऐतिहासिक रूप से एक नेता के योगदान को याद करता है, वहीं UPSC के अभ्यर्थियों के लिए यह भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ - कृषि क्षेत्र - का गहन विश्लेषण करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

वर्तमान में भारतीय कृषि एक संक्रमण काल (Transition Phase) से गुजर रही है। एक तरफ हम खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हैं, तो दूसरी तरफ जलवायु परिवर्तन, घटती जोत और किसानों की आय जैसी संरचनात्मक चुनौतियां गंभीर रूप ले रही हैं। सरकार का फोकस अब केवल 'खाद्य सुरक्षा' (Food Security) से बढ़कर 'पोषण सुरक्षा' (Nutritional Security) और 'आय सुरक्षा' (Income Security) पर शिफ्ट हो गया है।

भारतीय कृषि का अवलोकन

कृषि का महत्व (Significance):

  • GDP में हिस्सेदारी: लगभग 18-19% (आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार बदलता रहता है)।
  • रोजगार: कार्यबल का लगभग 45-50% अभी भी कृषि और संबद्ध क्षेत्रों पर निर्भर है।
  • कच्चा माल: कपड़ा, चीनी, और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए आधार।

फसल पैटर्न (Cropping Pattern):

भारत में तीन मुख्य फसल मौसम हैं:

  1. रबी (Rabi): अक्टूबर-दिसंबर में बुवाई (गेहूँ, चना, सरसों)।
  2. खरीफ (Kharif): जून-जुलाई में बुवाई (चावल, मक्का, कपास)।
  3. जायद (Zaid): रबी और खरीफ के बीच (तरबूज, खीरा, चारा फसलें)।

भारतीय कृषि की प्रमुख चुनौतियाँ (Key Challenges)

1. संरचनात्मक मुद्दे (Structural Issues):

  • छोटी और सीमांत जोत: कृषि जनगणना के अनुसार, 86% किसानों के पास 2 हेक्टेयर से कम ज़मीन है। इससे आधुनिक मशीनीकरण और 'इकोनॉमी ऑफ स्केल' (Economies of Scale) मुश्किल हो जाता है।
  • छिपी हुई बेरोजगारी (Disguised Unemployment): कृषि में आवश्यकता से अधिक लोग लगे हुए हैं, जिससे प्रति व्यक्ति उत्पादकता कम है।

2. इनपुट और संसाधन (Inputs & Resources):

  • जल संकट: भारत की कृषि का लगभग 50% अभी भी वर्षा पर निर्भर (Rainfed) है। भूजल का अत्यधिक दोहन (विशेषकर पंजाब-हरियाणा में) गंभीर समस्या है।
  • मृदा स्वास्थ्य: यूरिया के अंधाधुंध प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता कम हो रही है और NPK अनुपात बिगड़ रहा है।

3. बाजार और विपणन (Market & Marketing):

  • APMC की कमियां: बिचौलियों की अधिकता, कार्टेलाइजेशन (Cartelization), और बाजार शुल्क।
  • भंडारण और लॉजिस्टिक्स: कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस की कमी के कारण फसल कटाई के बाद (Post-harvest) लगभग 15-20% उपज बर्बाद हो जाती है।
  • MSP की सीमाएं: न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मुख्य रूप से गेहूं और धान उगाने वाले कुछ ही राज्यों के किसानों को मिल पाता है।

4. जलवायु परिवर्तन (Climate Change):

  • अनियमित मानसून, तापमान में वृद्धि और कीटों के हमले (जैसे टिड्डी दल) फसलों के लिए नया खतरा बनकर उभरे हैं।

समाधान और सरकारी पहल (Solutions & Initiatives)

  1. तकनीकी हस्तक्षेप (Technological Intervention):
    • डिजिटल कृषि मिशन: 'एग्री-स्टैक' (Agri-Stack) का निर्माण ताकि किसानों को पहचान और लाभ आसानी से मिले।
    • ड्रोन तकनीक: कीटनाशकों के छिड़काव और फसल निगरानी के लिए 'किसान ड्रोन' का उपयोग।
  2. विविधीकरण (Diversification):
    • उच्च मूल्य वाली फसलें: बागवानी (Horticulture), फूलों की खेती और औषधीय पौधों की ओर बदलाव।
    • संबद्ध क्षेत्र: पशुपालन, मत्स्य पालन और मधुमक्खी पालन (Sweet Revolution) आय के पूरक स्रोत बन सकते हैं।
  3. विपणन सुधार (Marketing Reforms):
    • e-NAM (राष्ट्रीय कृषि बाजार): मंडियों को एकीकृत कर 'वन नेशन, वन मार्केट' बनाना।
    • FPOs (किसान उत्पादक संगठन): 10,000 FPOs बनाने की योजना ताकि छोटे किसान सामूहिक रूप से मोलभाव कर सकें।
  4. टिकाऊ कृषि (Sustainable Agriculture):
    • परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY): जैविक खेती को बढ़ावा।
    • प्राकृतिक खेती (Natural Farming): शून्य बजट प्राकृतिक खेती (ZBNF) और 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' (Per Drop More Crop) पर जोर।

UPSC Lens

  • Prelims Relevance:
    • MSP (कौन तय करता है? - CACP की सिफारिश पर CCEA)।
    • FRP (गन्ने के लिए)।
    • प्रमुख योजनाएं: PM-KISAN, PM-FBY (फसल बीमा), e-NAM।
  • Mains Relevance (GS Paper 3):
    • "भारतीय कृषि का 'स्त्रीकरण' (Feminization of Agriculture)।"
    • "खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (Food Processing Industry) का दायरा और महत्व।"
    • "कृषि में ई-तकनीक (E-Technology in aid of farmers)।"

Practice Questions

1. Prelims MCQ:

भारत में कृषि जिंसों (Agricultural Commodities) के लिए 'न्यूनतम समर्थन मूल्य' (MSP) की सिफारिश कौन करता है?

(a) नीति आयोग

(b) कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय

(c) कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP)

(d) आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA)

उत्तर: (c) (सिफारिश CACP करता है, अंतिम घोषणा CCEA करती है।)

2. Mains Question:

"भारतीय कृषि की प्रकृति 'जीवन निर्वाह' (Subsistence) से बदलकर 'लाभकारी उद्यम' (Profitable Enterprise) में होनी चाहिए।" इस परिवर्तन को प्राप्त करने में किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और अनुबंध कृषि (Contract Farming) की भूमिका का विश्लेषण करें। (15 अंक, 250 शब्द)

Digital Current Affairs: https://visionias.in/current-affairs/hi     

भारतीय कृषि आज एक दोराहे पर खड़ी है। भविष्य 'हरित क्रांति' (Green Revolution) के पुराने मॉडल पर नहीं, बल्कि 'सदाबहार क्रांति' (Evergreen Revolution) पर निर्भर करेगा, जो टिकाऊ, तकनीकी रूप से उन्नत और जलवायु-अनुकूल हो। जैसा कि स्वामीनाथन आयोग ने कहा था, "यदि कृषि विफल होती है, तो बाकी सब कुछ विफल हो जाएगा।"

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