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23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन: रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा और रणनीतिक साझेदारी

प्रमुख लेख

23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन: रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा और रणनीतिक साझेदारी

23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन: रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा और रणनीतिक साझेदारी
04 Dec 2025
Table of Contents

Introduction

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आज, 4 दिसंबर, 2025 को नई दिल्ली पहुँच रहे हैं। यह यात्रा दोनों देशों के बीच "विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी" (Special and Privileged Strategic Partnership) की मजबूती का प्रतीक है। यूक्रेन संघर्ष और बदलती वैश्विक व्यवस्था के बीच यह यात्रा भारत की रणनीतिक स्वायत्तता (Strategic Autonomy) और कूटनीतिक संतुलन के लिए एक लिटमस टेस्ट की तरह है।

  • यात्रा का महत्व: पीएम मोदी की जुलाई 2024 की मॉस्को यात्रा (22वें शिखर सम्मेलन) के बाद यह राष्ट्रपति पुतिन की जवाबी यात्रा है।
  • एजेंडा: दोनों नेताओं के बीच रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और कनेक्टिविटी पर व्यापक चर्चा होने की उम्मीद है।
  • वैश्विक निगाहें: चूंकि भारत 'क्वाड' (Quad) का सदस्य भी है और रूस का पुराना मित्र भी, इसलिए पश्चिम और चीन दोनों इस यात्रा पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।

भारत-रूस संबंधों के स्तंभ

  1. रक्षा सहयोग (Defence Cooperation):
  • रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता बना हुआ है (हालांकि हिस्सेदारी थोड़ी कम हुई है)।
  • प्रमुख परियोजनाएं: S-400 ट्राइम्फ मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल (संयुक्त उद्यम), सुखोई Su-30MKI, और अमेठी में AK-203 राइफल्स का निर्माण।
  1. ऊर्जा सुरक्षा (Energy Security):
  • परमाणु: तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (KKNPP) रूस की मदद से बनाया गया है।
  • तेल और गैस: पिछले कुछ वर्षों में, रूस भारत के लिए कच्चे तेल का शीर्ष आपूर्तिकर्ता बन गया है। भारतीय कंपनियों ने रूस के सुदूर पूर्व (Far East) तेल क्षेत्रों में निवेश किया है।
  1. संस्थागत तंत्र:
  • 2+2 संवाद: भारत और रूस के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच संवाद तंत्र।
  • वार्षिक शिखर सम्मेलन: यह दोनों देशों के बीच संबंधों का सर्वोच्च मंच है।

Key Highlights Expected from 23rd Summit

  • व्यापार घाटा (Trade Deficit): द्विपक्षीय व्यापार 65 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है, लेकिन यह भारी रूप से रूस के पक्ष में झुका हुआ है (तेल आयात के कारण)। भारत रूस को अपने निर्यात (फार्मा, मशीनरी, कृषि) को बढ़ाने पर जोर देगा।
  • भुगतान तंत्र (Payment Mechanism): पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण भुगतान में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए राष्ट्रीय मुद्राओं (रुपये-रूबल) में व्यापार को सुव्यवस्थित करना।
  • कनेक्टिविटी:
  • INSTC (अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा): व्यापार को तेज करने के लिए इस मार्ग को पूरी तरह से चालू करना।
  • चेन्नई-व्लादिमीरिवोस्तोक समुद्री गलियारा: भारत के पूर्वी तट को रूस के सुदूर पूर्व से जोड़ना।
  • रक्षा आपूर्ति: यूक्रेन युद्ध के कारण रक्षा पुर्जों (Spare parts) की आपूर्ति में हुई देरी को दूर करने और 'मेक इन इंडिया' के तहत संयुक्त उत्पादन पर जोर।

भारत के लिए चुनौतियां:

  1. चीन-रूस धुरी (China-Russia Axis): पश्चिमी दबाव के कारण रूस चीन के करीब हो गया है। भारत के लिए यह चिंता का विषय है क्योंकि चीन के साथ हमारे सीमा विवाद हैं। भारत का लक्ष्य रूस को चीन का 'जूनियर पार्टनर' बनने से रोकना या कम से कम भारत के हितों की रक्षा करना है।
  2. पश्चिमी दबाव: अमेरिका और यूरोप भारत पर रूस के साथ संबंध कम करने का दबाव बनाते रहे हैं। भारत को अपनी ऊर्जा सुरक्षा और पश्चिमी देशों के साथ रणनीतिक संबंधों के बीच संतुलन बनाना होगा।

भारत का रुख:

भारत ने लगातार बातचीत और कूटनीति की वकालत की है। भारत के लिए रूस न केवल हथियारों का स्रोत है, बल्कि यूरेशिया में संतुलन बनाए रखने और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक अनिवार्य भागीदार है।

UPSC Lens

  • Prelims Relevance:
  • INSTC: सदस्य देश (रूस, भारत, ईरान प्रमुख हैं)।
  • सैन्य अभ्यास: इंद्र (INDRA - त्रि-सेवा अभ्यास)।
  • रक्षा उपकरण: S-400 (वायु रक्षा प्रणाली), T-90 भीष्म टैंक, INS विक्रमादित्य।
  • Mains Relevance:
  • "बदलती भू-राजनीति के बीच भारत-रूस संबंधों का भविष्य।"
  • "ऊर्जा सुरक्षा भारत की विदेश नीति का एक प्रमुख चालक है - भारत-रूस तेल व्यापार के संदर्भ में चर्चा करें।"

Quick Facts

क्षेत्र (Sector)

प्रमुख परियोजना/तथ्य (Key Project/Fact)

रक्षा

S-400, ब्रह्मोस, AK-203, Su-30MKI

परमाणु ऊर्जा

कुडनकुलम NPP (तमिलनाडु)

अंतरिक्ष

गगनयान मिशन (प्रारंभिक प्रशिक्षण रूस में)

कनेक्टिविटी

INSTC, चेन्नई-व्लादिमीरिवोस्तोक कॉरिडोर

व्यापार लक्ष्य

2030 तक $100 बिलियन (संशोधित लक्ष्य संभावित)

Practice Questions

1. Prelims MCQ:

अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. इसका उद्देश्य हिंद महासागर और फारस की खाड़ी को कैस्पियन सागर के माध्यम से रूस से जोड़ना है।
  2. भारत और रूस दोनों इसके संस्थापक सदस्य हैं।
  3. यह पूरी तरह से एक रेल मार्ग है।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 1 और 2

(c) केवल 2 और 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b) (कथन 3 गलत है, यह जहाज, रेल और सड़क मार्ग का एक मल्टी-मोडल नेटवर्क है।)

2. Mains Question:

"रूस के साथ भारत के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं, लेकिन वर्तमान भू-राजनीतिक बदलावों के कारण यह साझेदारी एक चौराहे पर खड़ी है।" भारत-रूस संबंधों में उभरती चुनौतियों और अवसरों का समालोचनात्मक परीक्षण करें। (15 अंक, 250 शब्द)

Conclusion

व्लादिमीर पुतिन की यह यात्रा केवल एक रस्म नहीं है, बल्कि यह संदेश है कि वैश्विक दबावों के बावजूद, भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता से समझौता नहीं करेगा। एक मजबूत भारत-रूस संबंध बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था (Multipolar World Order) के लिए आवश्यक है।

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VisionIAS संपादकीय टीम द्वारा

UPSC में 10 वर्षों से अधिक की विशेषज्ञता, IAS उम्मीदवारों के लिए व्यावहारिक सामग्री प्रदान करना।

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