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सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के 10 वर्ष: भारत की यात्रा, उपलब्धियाँ और भविष्य की राह

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सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के 10 वर्ष: भारत की यात्रा, उपलब्धियाँ और भविष्य की राह

सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के 10 वर्ष: भारत की यात्रा, उपलब्धियाँ और भविष्य की राह
01 Oct 2025
Table of Contents

परिचय

वर्ष 2025 SDGs की इस वैश्विक यात्रा में एक अत्यंत महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह 2015 में इन लक्ष्यों को अपनाने के बाद से एक दशक के पूरा होने का प्रतीक है, जो हमें अब तक हुई प्रगति का गहन मूल्यांकन करने, सामने आई चुनौतियों और कमियों को स्वीकार करने तथा 2030 की अंतिम समय सीमा को प्राप्त करने के लिए अपनी रणनीतियों को फिर से धार देने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। यह "कार्रवाई के दशक" (Decade of Action) के मध्य बिंदु को भी चिह्नित करता है, जो लक्ष्यों को वास्तविकता में बदलने के लिए तत्काल, महत्वाकांक्षी और सामूहिक कार्रवाई का आह्वान करता है।  

UPSC के लिए प्रासंगिकता

SDGs टॉपिक UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सामान्य अध्ययन के पाठ्यक्रम के कई हिस्सों को कवर करता है:

  • सामान्य अध्ययन पेपर-I: महिलाओं, शहरीकरण और जनसंख्या से संबंधित मुद्दे। 
  • सामान्य अध्ययन पेपर-II: SDGs सामाजिक न्याय और शासन से जुड़े गरीबी, भूख, स्वास्थ्य, शिक्षा और लैंगिक समानता जैसे मुद्दों से संबंधित हैं। 
  • सामान्य अध्ययन पेपर-III: SDGs आर्थिक विकास, उद्योग, नवाचार, जलवायु कार्रवाई और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषय
  • निबंध: SDGs से संबंधित विषय, जैसे "सतत विकास" या "जलवायु परिवर्तन और भारत," निबंध के पेपर के लिए संभावित विषय हो सकते हैं।
Sustainable development goals

भारत में SDG कार्यान्वयन का संस्थागत ढाँचा

भारत ने 2030 एजेंडा को प्राप्त करने के लिए एक मजबूत संस्थागत ढांचा स्थापित किया है, जो सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद के सिद्धांत पर आधारित है।

  • नीति आयोग की नोडल भूमिका: भारत में SDGs के समन्वय, कार्यान्वयन और निगरानी की प्राथमिक जिम्मेदारी नीति आयोग को सौंपी गई है। यह केंद्र और राज्यों के बीच एक सेतु का काम करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि राष्ट्रीय विकास प्राथमिकताएं SDGs के साथ संरेखित हों।
  • SDG इंडिया इंडेक्स: नीति आयोग द्वारा 2018 में लॉन्च किया गया, यह इंडेक्स राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति को मापने का एक प्रमुख उपकरण बन गया है। यह राज्यों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है। इस इंडेक्स पर भारत का समग्र स्कोर 2018 में 57 से सुधरकर 2023-24 में 71 हो गया है।
  • SDGs का स्थानीयकरण: भारत की रणनीति का एक प्रमुख स्तंभ 'स्थानीयकरण' है, जिसका अर्थ है वैश्विक लक्ष्यों को राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर प्रासंगिक बनाना। आकांक्षी जिला कार्यक्रम जैसी पहलें सबसे पिछड़े क्षेत्रों में विकास को गति देने पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

भारत की प्रमुख उपलब्धियाँ: एक अवलोकन

पिछले एक दशक में, भारत ने कई SDGs पर प्रभावशाली प्रगति की है, जिसका श्रेय लक्षित सरकारी योजनाओं और 'संतृप्ति मॉडल' (Saturation Model) को जाता है।

  • लक्ष्य 1 (गरीबी उन्मूलन): भारत ने बहुआयामी गरीबी को कम करने में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। 2013-14 और 2022-23 के बीच लगभग 24.8 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर आए हैं। इस लक्ष्य पर भारत का स्कोर 2020-21 में 60 से बढ़कर 2023-24 में 72 हो गया है। प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत 52 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए, जिससे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) संभव हुआ।
  • लक्ष्य 6 (स्वच्छ जल और स्वच्छता): स्वच्छ भारत मिशन (SBM) के तहत 10.9 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया, जिससे भारत खुले में शौच मुक्त (ODF) हुआ। इसके बाद, जल जीवन मिशन (JJM) ने अब तक 14.9 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल से जल कनेक्शन प्रदान किए हैं। इन प्रयासों के कारण SDG 6 देशव्यापी प्रदर्शन में अग्रणी रहा है।
  • लक्ष्य 7 (सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा): सौभाग्य योजना के माध्यम से लगभग 100% घरों का विद्युतीकरण हासिल किया गया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत 10 करोड़ से अधिक LPG कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। भारत की सौर ऊर्जा क्षमता पिछले एक दशक में 26 गुना बढ़ी है।
  • लक्ष्य 3 (उत्तम स्वास्थ्य और खुशहाली): मातृ मृत्यु दर (MMR) 2014-16 में 130 से घटकर 2018-20 में 97 प्रति 1,00,000 जीवित जन्म हो गया है। आयुष्मान भारत (PMJAY) दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य बीमा योजना है, जो 50 करोड़ से अधिक लोगों को कवर करती है।
  • लक्ष्य 4 (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा): प्रारंभिक शिक्षा में उच्च नामांकन दर हासिल की गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में गुणवत्ता, नवाचार और समानता पर ध्यान केंद्रित करके आमूल-चूल सुधार करना है।
  • लक्ष्य 13 (जलवायु कार्रवाई): भारत ने अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के दो लक्ष्यों को 2030 की समय सीमा से पहले ही हासिल कर लिया है। इस लक्ष्य पर भारत का स्कोर 2020-21 में 54 से बढ़कर 2023-24 में 67 हो गया है।

SDG इंडिया इंडेक्स

  • नीति आयोग ने 2018 में SDG इंडिया इंडेक्स लॉन्च किया, जो राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति की निगरानी का मुख्य उपकरण है। यह इंडेक्स MoSPI के 113 संकेतकों का उपयोग करके राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति को 0-100 के पैमाने पर मापता है, जिसमें प्रदर्शन के आधार पर चार श्रेणियां हैं: Aspirant (0-49), Performer (50-64), Front-Runner (65-99), और Achiever (100)। 
  • भारत का समग्र स्कोर 2018 में 57 से बढ़कर 2023-24 में 71 हो गया है, और 'फ्रंट-रनर' राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 2020-21 में 17 से बढ़कर 2023-24 में 32 हो गई है, जो व्यापक सुधार दर्शाता है। यह इंडेक्स विकास संबंधी कमियों को उजागर कर नीति निर्माताओं को लक्षित हस्तक्षेप में मदद करता है।

SDG इंडिया इंडेक्स में भारत की प्रगति

वर्ष

समग्र स्कोर (100 में से)

फ्रंट-रनर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या

2018

57

लागू नहीं

2019-20

60

10

2020-21

66

22

2023-24

71

32

प्रमुख चुनौतियाँ

प्रभावशाली उपलब्धियों के बावजूद, 2030 एजेंडा को पूरी तरह से साकार करने की राह में कई गंभीर चुनौतियाँ मौजूद हैं।

  • संरचनात्मक मुद्दे: SDGs को प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर वित्तीय निवेश की आवश्यकता है, लेकिन विकासशील देशों को प्रति वर्ष 4 ट्रिलियन डॉलर के वित्तीय अंतर का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, जमीनी स्तर पर डेटा संग्रह में अंतराल और नीतियों के कमजोर कार्यान्वयन जैसी समस्याएं प्रगति को बाधित करती हैं।
  • क्षेत्र-विशिष्ट बाधाएँ:
    • स्वास्थ्य (SDG 3): भारत संचारी और गैर-संचारी रोगों के "दोहरे बोझ" का सामना कर रहा है। स्वास्थ्य पर जेब से होने वाला खर्च अभी भी बहुत अधिक है, जो परिवारों पर विनाशकारी वित्तीय दबाव डालता है।
    • शिक्षा (SDG 4): उच्च नामांकन दर के बावजूद, शिक्षा की गुणवत्ता और सीखने के परिणाम एक बड़ी चिंता बने हुए हैं। योग्य शिक्षकों की कमी और डिजिटल डिवाइड जैसी चुनौतियां भी मौजूद हैं।
    • जलवायु कार्रवाई (SDG 13): नवीकरणीय ऊर्जा में प्रगति के बावजूद, भारत की 75% से अधिक बिजली अभी भी कोयले पर निर्भर है। अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने भारत की जलवायु कार्रवाई नीतियों को पेरिस समझौते के 1.5°C लक्ष्य के लिए "अत्यधिक अपर्याप्त" का दर्जा दिया है।
  • नीतिगत आलोचना: स्वच्छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं में डेटा की प्रामाणिकता और व्यवहारगत परिवर्तन की स्थिरता को लेकर चिंताएं व्यक्त की गई हैं। इसी तरह, आयुष्मान भारत योजना की अपर्याप्त फंडिंग और धोखाधड़ी के मामलों के लिए आलोचना की गई है।

आगे की राह

भारत सतत विकास लक्ष्यों की अपनी यात्रा के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। 2030 तक लक्ष्यों को प्राप्त करने और 'विकसित भारत @2047' के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

  • गुणवत्ता पर ध्यान: अब ध्यान केवल संपत्ति के निर्माण से हटकर सेवाओं की गुणवत्ता, व्यवहारगत परिवर्तन और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने पर होना चाहिए।
  • संस्थागत मजबूती: SDGs को सही मायने में स्थानीय बनाने के लिए, पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) और शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को वित्तीय और प्रशासनिक रूप से सशक्त बनाना महत्वपूर्ण है ।
  • समग्र दृष्टिकोण: भविष्य की नीतियां बनाते समय, विभिन्न लक्ष्यों के बीच तालमेल को अधिकतम करने और टकराव को न्यूनतम करने के लिए एक समग्र और अंतर-क्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाना होगा।
  • छह प्राथमिकता वाले क्षेत्र: संयुक्त राष्ट्र की सिफारिशों के अनुरूप, भारत को खाद्य प्रणाली, ऊर्जा पहुंच, डिजिटल परिवर्तन, शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा, तथा जलवायु एवं जैव विविधता जैसे छह महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी कार्रवाई को तेज करने की आवश्यकता है।

सतत विकास लक्ष्य केवल वैश्विक लक्ष्य नहीं हैं, बल्कि वे 'विकसित भारत @2047' के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए एक अनिवार्य रोडमैप भी हैं। 'किसी को पीछे न छोड़ने' के सिद्धांत को अपनाकर, भारत न केवल अपने नागरिकों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित कर सकता है, बल्कि दुनिया के लिए एक स्थायी विकास का मार्ग भी प्रशस्त कर सकता है।

अभ्यास प्रश्न

प्रारंभिक परीक्षा:

प्रश्न: सतत विकास लक्ष्य (SDG) इंडिया इंडेक्स के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. यह इंडेक्स नीति आयोग द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की प्रगति को मापने के लिए जारी किया जाता है।
  2. इसका उद्देश्य राज्यों के बीच सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद को बढ़ावा देना है।
  3. 2018 में अपनी स्थापना के बाद से भारत के समग्र स्कोर में लगातार सुधार हुआ है।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल 1

(b) केवल 1 और 2

(c) केवल 2 और 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)

मुख्य परीक्षा:

प्रश्न: भारत ने सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में, विशेष रूप से बुनियादी सेवाओं के क्षेत्र में, उल्लेखनीय प्रगति की है। भारत की प्रमुख उपलब्धियों का आलोचनात्मक विश्लेषण करते हुए उन चुनौतियों पर प्रकाश डालिए जो 2030 एजेंडा को साकार करने में बाधक हैं। आगे की राह के लिए कुछ व्यावहारिक सुझाव भी दीजिए। (250 शब्द, 15 अंक)

उत्तर की रूपरेखा:

  • SDGs के परिचय के साथ उत्तर की शुरुआत कीजिए। 
  • भारत की SDGs में हुई प्रगति को लिखिए (आँकड़ों का उपयोग किया जाना चाहिए)। 
  • SDGs के समक्ष चुनौतियों को समझाइए। 
  • अंत में सुझावों के साथ उत्तर समाप्त कीजिए। 
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VisionIAS संपादकीय टीम द्वारा

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