प्रत्येक अभ्यर्थी UPSC प्रारंभिक परीक्षा के बाद Cut-Off, यानि अगले चरण (मुख्य परीक्षा) के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए आवश्यक न्यूनतम अंकों- की घोषणा का बेसब्री से इंतजार करता है। यद्यपि प्रारंभिक परीक्षा ज्ञान, समझ, समय प्रबंधन और समस्या-समाधान (Problem Solving) कौशल की परीक्षा होती है, जिसमें Cut-Off एक Filtering Line का कार्य करती है। तथापि यह तय करती है कि सिविल सेवक बनने की इस यात्रा में आगे कौन बढ़ पाएगा।
- UPSC प्रारंभिक परीक्षा में Cut-Off का महत्व: UPSC प्रारंभिक परीक्षा केवल एक क्वालिफाइंग (Qualifying) चरण है, लेकिन Cut-Off का बहुत अधिक महत्व होता है। यह वह सीमांकन अंक (Threshold Score) है जिसे अभ्यर्थियों को सामान्य अध्ययन (GS) पेपर-I में पार करना होता है, जबकि पेपर-II (CSAT) को केवल 33% अंकों के साथ Qualify करना होता है। Cut-Off की जानकारी होने से अभ्यर्थी अपने प्रदर्शन का यथार्थवादी आकलन कर पाते हैं, मुख्य परीक्षा की तैयारी के बारे में सूचित निर्णय लेते हैं और अनिश्चितता से बचते हैं। भावी अभ्यर्थियों के लिए, पिछले वर्षों के Cut-Off के रुझान को समझने से प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए आवश्यक तैयारी के स्तर का भी अंदाजा मिलता है।
- Cut-Off को क्या प्रभावित करता है: Cut-Off एक निश्चित संख्या नहीं होती, यह प्रतिवर्ष कई कारकों के आधार पर बदलती रहती है। यदि परीक्षा का पेपर अपेक्षाकृत कठिन होता है, तो Cut-Off आमतौर पर कम हो जाती है, और यदि पेपर आसान होता है, तो Cut-Off बढ़ जाती है। परीक्षा में भाग लेने वाले उम्मीदवारों की कुल संख्या भी Cut-Off को प्रभावित करती है, खासकर हर साल बढ़ती प्रतिस्पर्धा के साथ। एक अन्य महत्वपूर्ण कारक UPSC द्वारा जारी रिक्तियों की संख्या है — रिक्तियाँ कम होने पर आमतौर पर Cut-Off अधिक हो जाती है और इसके विपरीत रिक्तियाँ अधिक होने पर Cut-Off कम होती है।
- Disclaimer (डिस्क्लेमर): यहाँ यह ध्यान रखना आवश्यक है कि परीक्षा के तुरंत बाद साझा की गई कोई भी Cut-Off विशेषज्ञों के विश्लेषण और पिछले वर्षों के रुझानों (Trends) पर आधारित होती है, यह आधिकारिक आँकड़ा नहीं होता है। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद ही आधिकारिक Cut-Off जारी करता है। इसलिए, हालांकि अनुमानित Cut-Off उपयोगी मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है, परंतु अभ्यर्थियों को इसे केवल संकेतात्मक मानना चाहिए, न कि निर्णायक।
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UPSC Prelims Exam की Cut-Off को प्रभावित करने वाले कारक
- GS पेपर I और CSAT पेपर का कठिनाई स्तर: Cut-Off को प्रभावित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक परीक्षा का समग्र कठिनाई स्तर है- विशेष रूप से सामान्य अध्ययन पेपर I, जो मेरिट-रैंकिंग वाला पेपर है। यदि प्रश्न गहन अवधारणात्मक हैं, उनके विकल्प जटिल रहते हैं, या करंट अफेयर्स पर अधिक केंद्रित हैं, तो अभ्यर्थियों के लिए अधिक अंक प्राप्त करना कठिन हो जाता है, जिससे Cut-Off कम हो सकती है। हालांकि CSAT (पेपर II) केवल Qualifying प्रकृति का है (33% या 200 में से 66.67 अंक), लेकिन हाल के वर्षों में इसकी बढ़ती कठिनाई ने भी Cut-Off को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया है, क्योंकि अधिक अभ्यर्थी सी-सैट पास करने में असफल होते हैं, जिससे पहले चरण को पार करने वाले उम्मीदवारों की संख्या घटती है और समग्र प्रतिस्पर्धा प्रभावित होती है। इसका उदाहरण हमें वर्ष 2023 की Cut-Off में आई आमूलचूल गिरावट में दिखाई देता है, जब GS और CSAT दोनों ही पेपर की कठिनाई का स्तर अधिक रहा।
- आवेदकों की संख्या: प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की कुल संख्या भी Cut-Off को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। यदि गंभीर प्रतियोगियों की संख्या में वृद्धि होती है — खासकर उनकी जो अच्छी तरह तैयार हैं और मुख्य परीक्षा के स्तर की तैयारी के साथ परीक्षा देते हैं — तो प्रतिस्पर्धा और अधिक कड़ी हो जाती है, जिससे Cut-Off बढ़ सकती है। उदाहरण के लिए, हाल के वर्षों में प्रतिवर्ष लगभग 10 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो रहे हैं, जिनमें से लगभग 5–6 लाख उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होते हैं, जिससे यह एक अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षा बन गई है। ऐसी स्थिति में, गंभीर अभ्यर्थियों के प्रदर्शन में मामूली वृद्धि भी Cut-Off को स्पष्ट रूप से प्रभावित कर सकती है।
- रिक्तियों की संख्या: UPSC द्वारा वर्ष के लिए घोषित रिक्त पदों की संख्या भी Cut-Off को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख कारक है। अधिक रिक्तियों की स्थिति में Cut-Off आमतौर पर थोड़ी कम हो जाती है, क्योंकि अधिक अभ्यर्थियों को चुना जाता है। वहीं, यदि रिक्तियां कम हों तो चयन अनुपात सख्त हो जाता है, जिससे Cut-Off अंक बढ़ सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि 2024 में 1,056 रिक्तियां निकलीं थीं और 2025 में यह संख्या घटकर 979 हो गई है, तो कठिनाई स्तर समान रहने पर भी Cut-Off बढ़ सकती है।
- पेपर पैटर्न या विषयों के भारांश में परिवर्तन: UPSC सिविल सेवा परीक्षा अपनी अप्रत्याशितता (Unpredictability) के लिए जानी जाती है। यदि पेपर पैटर्न में अचानक कोई बदलाव आता है- जैसे किसी खास सेक्शन (जैसे पर्यावरण या भारतीय राजव्यवस्था) से प्रश्नों की संख्या में असामान्य वृद्धि, या तथ्य-आधारित प्रश्नों के बजाय अवधारणात्मक प्रश्नों को अधिक महत्व दिया जाए - तो इससे अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ सकता है।
अगर पेपर में अचानक विज्ञान-प्रौद्योगिकी या कम ज्ञात अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर ज्यादा फोकस किया जाए, तो कई अभ्यर्थियों के प्रदर्शन में गिरावट आ सकती है। इससे औसत स्कोर प्रभावित होगा और Cut-Off कम हो सकती है। इसके अलावा, यदि CSAT का पेपर कठिन हो या कॉम्प्रिहेंशन और रीजनिंग में बदलाव हो, तो कई मेधावी अभ्यर्थी भी Qualify नहीं कर पाते। इससे योग्य उम्मीदवारों की संख्या घट सकती है, जिसका प्रभाव GS पेपर-I की अंतिम Cut-Off पर पड़ता है।
UPSC Prelims 2025: कठिनाई विश्लेषण (to be updated)
GS पेपर-I का संक्षिप्त विश्लेषण:
- विषयवार रुझान-
- समसामयिकी (करंट अफेयर्स) का स्तर: --
CSAT विश्लेषण:
- पिछले वर्षों की तुलना में कठिन/आसान
- वे सेक्शन जहाँ अधिकांश छात्रों को दिक्कत हुई
Resource link : upsc prelims previous year question papers with answers free download pdf
Expected Cut Off: Category-Wise Table (to be updated)

नोट: यह आधिकारिक Cut-Off नहीं है, बल्कि केवल एक विश्लेषणात्मक अनुमान है।
पिछले वर्षों की Cut-Off के साथ तुलना(UPSC prelims cut off last 5 years):

उपरोक्त अंक तुलना से पता चलता है कि UPSC Prelims सामान्य अध्ययन पेपर-I में लगातार 90+ अंक प्राप्त करना एक सुरक्षित स्थिति बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि वास्तविक Cut-Off हर साल पेपर की कठिनाई और रिक्तियों की संख्या जैसे कारकों के आधार पर बदल सकती है, लेकिन 90+ अंकों का निरंतर स्कोर एक मजबूत बुनियादी समझ को दर्शाता है और वार्षिक उतार-चढ़ाव के बावजूद परीक्षा पास करने की संभावना बढ़ाता है।
उदाहरण के लिए, पिछले वर्षों में सामान्य वर्ग की Cut-Off 87 से 95 अंकों के बीच रही है। इसलिए, 90+ अंकों का लक्ष्य न केवल कठिन पेपर के खिलाफ एक बफर प्रदान करता है, बल्कि मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।

विशेषज्ञ राय एवं कोचिंग संस्थानों के विश्लेषण (to be updated)
- VisionIAS का विश्लेषण/उद्धरण
- पेपर की कठिनाई स्तर पर अभ्यर्थियों का फीडबैक
- किसी विशेष विषय/टॉपिक पर अप्रत्याशित फोकस
अभ्यर्थियों के लिए आगे की राह
- प्रेक्षणात्मक सुझाव (Observational Insight): जो अभ्यर्थी अनुमानित Cut-Off पार कर रहे हैं, उन्हें बिना देरी किए मुख्य परीक्षा की तैयारी शुरू करनी चाहिए: पिछले वर्षों में एक स्पष्ट प्रवृत्ति देखी गई है कि, जो उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा की अनुमानित Cut-Off को पार कर लेते हैं, वे आधिकारिक परिणामों का इंतजार किए बिना तुरंत मुख्य परीक्षा की तैयारी शुरू कर देते हैं। यदि आपका अनुमानित स्कोर अनुमानित Cut-Off से सुरक्षित रूप से ऊपर है, तो अब आपको अपनी तैयारी का फोकस बदलना चाहिए। सामान्य अध्ययन के चारों पेपर, एथिक्स (GS IV), निबंध और अपने वैकल्पिक विषय पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। व्यवस्थित उत्तर लेखन शुरू करना चाहिए, मुख्य विषयों का रिवीजन कीजिए और एथिक्स की केस स्टडी पर काम करना चाहिए। यहां समय पर कार्रवाई करना अक्सर अगले चरण (Personality Test) तक पहुंचने और पीछे रह जाने के बीच का निर्णायक कारक बन जाता है।
- Grey Zone की वास्तविकता: Borderline वाले अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी जो लगातार प्रयास करते रहते हैं, अक्सर सफल हो जाते हैं। यदि आपके अंक अनुमानित Cut-Off से ±5 अंकों के दायरे में हैं, तो आप इस अनिश्चित परंतु महत्वपूर्ण 'ग्रे ज़ोन' में हैं। रुकिए मत - इतिहास दर्शाता है कि कई टॉपर कभी आपकी ही स्थिति में थे। आधिकारिक परिणाम की प्रतीक्षा करते हुए मुख्य परीक्षा की तैयारी जारी रखिए। राजव्यवस्था, पर्यावरण, इकोनोमी और करेंट अफेयर्स जैसे Overlapping विषयों पर ध्यान केंद्रित कीजिए। यह रणनीति न केवल तैयारी की गति बनाए रखती है बल्कि यदि आपको पुनः प्रयास करना पड़े तो एक मजबूत आधार भी तैयार करती है।
- Setback को Comeback में बदलें: 2026 की तैयारी करने वालों के लिए: अगर आपका स्कोर अपेक्षित Cut-Off से स्पष्ट रूप से कम है, तो हिम्मत न हारें। यह ईमानदारी से आत्मविश्लेषण करने और रणनीतिक तरीके से फिर से शुरुआत करने का समय है। क्या यह कमजोरी सीमित रिवीजन रही या CSAT में कमजोर स्कोर, या खराब समय प्रबंधन? कमियों को पहचानें और नए सिरे से शुरुआत कीजिए- फोकस्ड मॉक टेस्ट (संधान), NCERT एवं क्लास नोट्स से रिवीजन और अपने वैकल्पिक विषय पर गहन मेहनत के साथ। याद रखिए, CSE 2024 में AIR 1 प्राप्त करने वाली उम्मीदवार ने भी अपने पांचवें प्रयास में, पिछली गलतियों से सीखकर सफलता हासिल की। सही योजना और जल्दी शुरुआत के साथ, आपका अगला प्रयास आपका सर्वश्रेष्ठ हो सकता है।
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निष्कर्ष
जहां अपेक्षित Cut-Off एक उपयोगी दिशानिर्देश प्रदान करते हैं, वहीं यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल संकेतक हैं—अंतिम नहीं। वास्तविक Cut-Off UPSC द्वारा अंतिम परिणामों के साथ घोषित की जाएगी। तब तक, शांत और फोकस के साथ तैयारी जारी रखिए। यदि आप आश्वस्त हैं या अपेक्षित Cut-Off के करीब हैं, तो मुख्य परीक्षा की तैयारी पूरी लगन से जारी रखिए। अन्य अभ्यर्थियों के लिए, यह समय आत्मविश्लेषण करने, रणनीतियों को संशोधित करने और अगले प्रयास के लिए मजबूती से तैयारी शुरू करने का एक मूल्यवान अवसर है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्र. UPSC प्रीलिम्स 2025 में जनरल कैटेगरी के लिए अपेक्षित Cut-Off क्या है?
उ. परीक्षा के बाद अपडेट किया जाएगा।
प्र. Cut-Off हर साल अलग क्यों होता है?
उ. Cut-Off कारकों जैसे पेपर की कठिनाई स्तर, उम्मीदवारों की संख्या और रिक्त पदों की संख्या पर निर्भर करता है। यदि पेपर कठिन हो या रिक्तियां कम हों, तो Cut-Off आमतौर पर कम हो जाता है।
प्र. पिछले कुछ वर्षों में प्रीलिम्स के Cut-Off का ट्रेंड क्या रहा है?
उ. जनरल कैटेगरी का Cut-Off 87.98 (2024) से 92.51 (2020) के बीच रहा है। यह हर साल थोड़ा बदलता रहता है; अंतिम Cut-Off UPSC द्वारा रिजल्ट के साथ जारी किया जाता है।
प्र. क्या UPSC प्रीलिम्स में सेक्शनल Cut-Off है?
उ. नहीं, GS पेपर I में कोई सेक्शनल Cut-Off नहीं है। हालांकि, CSAT (पेपर II) क्वालिफाइंग है, जिसमें न्यूनतम 33% अंक चाहिए।
प्र. सुरक्षित रहने के लिए मुझे कितने अंक लाने का लक्ष्य रखना चाहिए?
उ. GS पेपर I में 90+ अंक लाने से ज्यादातर वर्षों में सुरक्षित रहने की संभावना रहती है। हालांकि, किसी भी आश्चर्य से बचने के लिए 100+ अंकों का लक्ष्य बनाना समझदारी होगी।