UPSC सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2025 का निबंध प्रश्न-पत्र अब भी अभ्यर्थियों के लिए अत्यधिक स्कोरिंग पेपर बना हुआ है। यह प्रश्न-पत्र अभ्यर्थी की विश्लेषणात्मक सोच, स्पष्ट अभिव्यक्ति तथा दार्शनिक, समकालीन और मुद्दा-आधारित विषयों पर सुव्यवस्थित ढंग से विचार प्रस्तुत करने की क्षमता को परखता है। आइए देखें कि 2025 का निबंध पेपर पिछले वर्षों की तुलना में कैसे बदला है और अभ्यर्थी इससे क्या सीख सकते हैं।
निबंध प्रश्न-पत्र का प्रारूप 2025
पिछले वर्षों की तरह 2025 में भी प्रश्न-पत्र दो भागों - अनुभाग A और अनुभाग B - में विभाजित था। प्रत्येक अनुभाग में चार-चार विषय दिए गए। अभ्यर्थियों को प्रत्येक अनुभाग से एक-एक निबंध चुनकर लिखना था। प्रत्येक निबंध 125 अंक का था; कुल 250 अंक।
UPSC Mains Essay Question Paper 2025 – Questions & Practice
निर्देश
दोनों खंड A और B प्रत्येक से एक-एक विषय चुनकर दो निबंध लिखिए, प्रत्येक निबंध लगभग 1000-1200 शब्दों में।
Write two essays, choosing one topic from each of the following Sections A and B, in about 1000-1200 words each :
125×2=250
खंड – A / SECTION – A
- सत्य को कोई रंग नहीं लगता है।
Truth knows no color. - बिना लड़े ही दुश्मन को परास्त करना युद्ध की सर्वोच्च कला है।।
The supreme art of war is to subdue the enemy without fighting. - विचार एक दुनिया खोजता है और एक बनाता भी है।
Thought finds a world and creates one also. - सबसे अच्छे सबक कड़वे अनुभवों से ही सीखे जाते हैं।
Best lessons are learnt through bitter experiences.
खंड – B / SECTION – B
- मैले पानी को अकेला छोड़ देने से ही उसे साफ़ किया जा सकता है।
Muddy water is best cleared by leaving it alone. - वर्ष बहुत कुछ सिखाते हैं, जो दिन कभी नहीं जानते।
The years teach much which the days never know. - जीवन को यात्रा के रूप में देखना सर्वोत्तम है, न कि गन्तव्य के रूप में।
It is best to see life as a journey, not as a destination. - संतोष स्वाभाविक सम्पति है, विलासिता कृत्रिम निर्धनता है।
Contentment is natural wealth, luxury is artificial poverty.
निरंतरता और परिवर्तन: 2022–2025 के रुझानों का विश्लेषण
पिछले तीन वर्षों में, निबंध पेपर में लगातार दार्शनिक और अमूर्त विषय शामिल रहे हैं, जिनमें अक्सर उद्धरणों या विचारों की व्याख्या की आवश्यकता होती थी। हालाँकि, 2025 में एक संतुलित दृष्टिकोण देखने को मिला है, जिसमें न केवल अमूर्त विषयों को शामिल किया गया, बल्कि मुद्दा-आधारित और समसामयिक विषयों को भी स्थान दिया गया। इन विषयों में नैतिकता, शासन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, और लैंगिक न्याय से संबंधित प्रासंगिकता देखी गई।
2022-25: वर्ष-दर-वर्ष ट्रेंड की तुलना
वर्ष |
विषयों का स्वरूप |
प्रमुख थीम |
जटिलता |
आवश्यक दृष्टिकोण |
2022 |
दार्शनिक व व्यावहारिक विचारों का मध्यम मिश्रण |
मानवता, विज्ञान व मूल्य-व्यवस्था पर चिंतन |
मध्यम |
अमूर्त विचारों को वास्तविक उदाहरणों से जोड़ते हुए आलोचनात्मक सोच |
2023 |
अंतर्मुखी व चिंतनशील, अधिक अमूर्त विषय |
सृजनशीलता, नैतिक द्वंद्व, समाज में व्यक्ति की भूमिका |
उच्च |
वैयक्तिक व दार्शनिक शैली, आत्म-परीक्षण व विश्लेषण |
2024 |
अधिक प्रत्यक्ष व वर्तमान संदर्भों पर आधारित |
आनंद, सतत विकास, प्रौद्योगिकी, कर्म-अकर्म |
अपेक्षाकृत आसान |
समसामयिक संदर्भ, अंतःविषयी दृष्टिकोण, गहरे उदाहरण |
2025 |
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थीम और ट्रेंड एनालिसिस
2025 के विषय हाल के रुझानों का अनुसरण करते हैं:
- दार्शनिक और मूल्य-आधारित विषय
- सामाजिक आयामों के साथ समकालीन मामलों का समन्वय
- नैतिक दुविधाएँ और अमूर्त विचार
कठिनाई स्तर
2025 का निबंध प्रश्न-पत्र मध्यम रहा।
- सेक्शन A के अमूर्त विषयों ने वैचारिक स्पष्टता और संरचित प्रस्तुति की मांग की।
- सेक्शन B के विषय अधिक तुलनात्मक रूप से अधिक आसान थे परन्तु बहुआयामी दृष्टिकोण की माँग करते थे।
- निबंधों में दृष्टिकोण को समृद्ध करने के लिए सामान्य अध्ययन (GS) पेपरों, विशेष रूप से GS-4 (एथिक्स) और GS-2 (गवर्नेंस), से ज्ञान का समन्वय आवश्यक है।
बहुत से अभ्यर्थियों ने महसूस किया कि विषय 'आउट-ऑफ-द-बॉक्स' (सामान्य से हटकर) नहीं थे, लेकिन अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए गहन विश्लेषण और संतुलित तर्क की आवश्यकता थी।
खंडवार विषय-विश्लेषण
खंड क (दार्शनिक/अमूर्त विषय):
- टॉपिक 1: विश्लेषण
- टॉपिक 2: विश्लेषण
- टॉपिक 3: विश्लेषण
- टॉपिक 4: विश्लेषण
समग्र अवलोकन:
- विषयों का केंद्र मूल्य, स्वतंत्रता, रचनात्मकता और विचारों द्वारा कार्यों को आकार देने की भूमिका पर था।
- उद्धरण-आधारित प्रश्नों की वापसी हुई, जिनमें व्याख्या, संदर्भीकरण तथा जीवन, साहित्य, इतिहास और सार्वजनिक जीवन से उदाहरण देने की माँग थी।
मुख्य फोकस:
- नैतिक दर्शन
- अमूर्त तर्कशक्ति
- मूल्य-आधारित निर्णय लेना
खंड ख (समसामयिक/मुद्दा-आधारित विषय):
- टॉपिक 1: विश्लेषण
- टॉपिक 2: विश्लेषण
- टॉपिक 3: विश्लेषण
- टॉपिक 4: विश्लेषण
समग्र अवलोकन:
- इनमें जलवायु परिवर्तन, विज्ञान और नैतिकता, शिक्षा एवं सामाजिक समानता, तथा महिला सशक्तिकरण जैसे विषय शामिल थे।
- इनके लिए करंट अफेयर्स, केस स्टडीज़ और लोक नीति की समझ के साथ मजबूत संबंध स्थापित करना आवश्यक था।
मुख्य फोकस:
- नीति निर्माण
- सामान्य अध्ययन (GS) के विषयों से प्रासंगिकता
- नैतिक और आर्थिक आयाम
समसामयिक घटनाओं और मेन्स 365 से विषयों का प्रतिबिंब:
रणनीतिक सुझाव आगामी अभ्यर्थियों के लिए
- दर्शन और व्यावहारिकता का संतुलन: हाल के निबंधों में अमूर्त विषयों को वास्तविक दुनिया से जोड़ा गया है। "विचारों" और "मुद्दों" दोनों पर सहज रहें।
- बहु-विषयक सोच विकसित करें: पर्यावरण, नैतिकता, समाजशास्त्र आदि से उदाहरण देकर अपने निबंध को समृद्ध बनाएं। UPSC बहुआयामी सोच को पुरस्कृत करता है।
- सतही विश्लेषण से आगे बढ़ें: सरल दिखने वाले विषयों में भी गहराई तलाशें। बारीकियों को समझें, पूर्वधारणाओं को चुनौती दें और तथ्य-आधारित तर्क दें।
- करेंट अफेयर्स महत्वपूर्ण है: "सभ्यताओं से पहले जंगल" या "मन के साम्राज्य" जैसे निबंध वैश्विक रुझानों को दर्शाते हैं। संपादकीय और VisionIAS मेन्स 365 को नियमित पढ़ें।
- दोनों प्रकार के विषयों पर अभ्यास करें: नैतिकता-आधारित और मुद्दा-आधारित विषयों पर बारी-बारी से लिखें। VisionIAS निबंध टेस्ट सीरीज़ में शामिल होकर फीडबैक लें।
- यादगार भूमिका और निष्कर्ष लिखें: शुरुआत संदर्भ या उद्धरण से करें, समापन विचार या कार्रवाई के आह्वान के साथ। ये हिस्से पहला और अंतिम प्रभाव बनाते हैं।
- वास्तविक और नैतिक उदाहरणों का प्रयोग करें: विचारों को घटनाओं, व्यक्तित्वों या नैतिक दुविधाओं से जोड़ें। अमूर्त विषयों में नैतिक तर्क और समकालीन उदाहरण शामिल करें।
- विश्लेषणात्मक और आत्मचिंतनशील बनें: स्व-विवेचन की आदत डालें। "सुख", "शक्ति" या "गलत होने" जैसे निबंधों के लिए व्यक्तिगत अंतर्दृष्टि और विचारों की स्पष्टता आवश्यक है।
समग्रतः UPSC निबंध आपकी स्पष्टता, गहराई और दृष्टि की परीक्षा लेते हैं। सिर्फ सूचना देने के लिए नहीं, बल्कि विचार करने के लिए लिखें—और सफलता आपके कदम चूमेगी।
Watch Open Session: Discussion on UPSC 2025 Essay (YouTube Link)
निष्कर्ष
UPSC का निबंध अब केवल मत व्यक्त करने का मंच नहीं, बल्कि दार्शनिक गहराई, नीतिगत समझ और भावनात्मक बुद्धिमत्ता का समग्र परीक्षण है। 2025 का पेपर इस प्रवृत्ति को पुष्ट करता है और उन अभ्यर्थियों को पुरस्कृत करता है जो जटिलता में स्पष्टता प्रस्तुत कर पाते हैं। सफल होने के लिए विचारों की गहराई, दृष्टिकोण की बहुआयामिता और अभिव्यक्ति की सरलता—तीनों का संतुलित समावेश अनिवार्य है।
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