UPSC सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2025, जो 25 मई को आयोजित होगी, भारत की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षा के सफर में एक और मील का पत्थर होती है। देश भर में लाखों उम्मीदवारों के शामिल होने के साथ, इस वर्ष के प्रश्न-पत्र में भी UPSC की परंपरागत अप्रत्याशितता (Unpredictability) दृष्टिगत हुई, जिसमें न केवल जानकारी एवं सूचना की, बल्कि विश्लेषणात्मक कौशल, सूझ-बूझ और समय प्रबंधन की भी परख होती है। इस परीक्षा में दो पेपर होते हैं- सामान्य अध्ययन (प्रश्न-पत्र 1) और CSAT (सामान्य प्रश्न-पत्र 2), दोनों की प्रकृति वस्तुनिष्ठ होती है। विगत वर्षों के अनुसार अभ्यर्थियों की शुरुआती प्रतिक्रियाओं से मिश्रित परिणाम सामने आते हैं, कई अभ्यर्थियों को प्रश्न-पत्र 1 को मध्यम से कठिन लगता, खासकर अवधारणात्मक प्रश्नों और असामान्य पैटर्न के कारण, वहीं कुछ अभ्यर्थियों ने CSAT प्रश्न पत्र में गणित/रीजनिंग/बोधगम्यता को कठिन पाते हैं।
UPSC सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा का पाठ्यक्रम (UPSC Prelims Syllabus)
प्रश्न पत्र 1(GS-1) (200 अंक) अवधि दो घंटे
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनाएं।
- भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन ।
- भारत एवं विश्व भूगोल भारत एवं विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल
- भारतीय राज्यतन्त्र और शासन संविधान, राजनैतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोक नीति, अधिकारों संबंधी मुद्दे, आदि।
- आर्थिक और सामाजिक विकास सतत विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल आदि।
- पर्यावरणीय पारिस्थितिकी जैव-विविधता और मौसम परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे, जिनके लिए विषयगत विशेषज्ञता आवश्यक नहीं है।
- सामान्य विज्ञान
प्रश्न पत्र ।।(CSAT) (200 अंक) अवधि दो घंटे
- बोधगम्यता
- संचार कौशल सहित अंतर वैयक्तिक कौशल
- तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता
- निर्णय लेना और समस्या समाधान
- सामान्य मानसिक योग्यता
- आधारभूत संख्यनन (संख्याएं और उनके संबंध, विस्तार क्रम आदि) (दसवीं कक्षा का स्तर), आंकड़ों का निर्वचन (चार्ट, ग्राफ, तालिका, आंकड़ों की पर्याप्तता आदि-दसवीं कक्षा का स्तर)
नोट- सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा का पेपर-।।, अर्हक पेपर होगा जिसके लिए न्यूनतम अर्हक अंक 33% निर्धारित किए गए हैं।
परीक्षा के केंद्र (UPSC Exam Centres)
UPSC CSE प्रारंभिक परीक्षा भारत के 80 शहरों में आयोजित की जाती है। जिसमें उत्तर भारत, मध्य भारत, पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी भारत, पश्चिम और दक्षिण भारत के महत्वपूर्ण शहर शामिल हैं। इसमें राज्यों की राजधानी एवं बड़े शहर शामिल हैं। जैसे- अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, बरेली, बेंगलुरू, भोपाल, चेन्नई, कटक, गुड़गांव, चंडीगढ़, कोहिमा, कारगिल, जयपुर, शिमला, देहरादून, मुंबई, गंगटोक, उदयपुर, नागपुर, मुंबई, विशाखापत्तनम आदि।
परीक्षा का दिन: ज्ञान, अनुभव और तैयारी का वास्तविक परीक्षण
प्रारंभिक परीक्षा का दिन महीनों की मेहनत का परिणाम तो होता ही है, साथ ही यह अपनी तैयारी का परीक्षण और सीखने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी प्रदान करता है। तात्कालिक परिणाम से परे, जो चीज़ वास्तव में अभ्यर्थियों के लिए फायदेमंद होती है, वह है प्रश्न पत्र की प्रकृति, उसकी मांग और अपनी तैयारी के बीच तालमेल को गहराई से समझने की क्षमता। सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए यह दिन पेपर देने से लेकर उसका विश्लेषण करने तक अनुभव और भविष्य की सफलता के बीच एक सेतु का काम करता है। यही वह मोड़ है जहाँ परीक्षा-पश्चात विश्लेषण केवल एक शैक्षणिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि दिशा सुधार और बेहतर योजना बनाने का एक रणनीतिक उपकरण बन जाता है।
परीक्षा के पश्चात विश्लेषण(UPSC Prelims Analysis) क्यों है आवश्यक?
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न पत्र की प्रकृति, ट्रेंड और पैटर्न को समझना न केवल इस वर्ष परीक्षा देने वालों के लिए, बल्कि भावी अभ्यर्थियों के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। एक विस्तृत विश्लेषण स्टेटिक और डायनेमिक घटकों के बीच संतुलन, विषयवार महत्व, कठिनाई का स्तर और थीम की बदलती प्राथमिकताओं की पहचान करने में मदद करता है। यह जानकारी तैयारी की रणनीतियों को परिष्कृत करने, उपयुक्त संसाधनों का चयन करने और सामान्य गलतियों से बचने में महत्वपूर्ण साबित होती है - जिससे परीक्षा-पश्चात विश्लेषण एक रणनीतिक आवश्यकता बन जाता है, विशेषकर उन अभ्यर्थियों के लिए जो UPSC 2026 या उसके बाद का लक्ष्य रखकर तैयारी कर रहे हैं।
विश्लेषणात्मक सोच को विकसित करने के लिए, अभ्यर्थी पिछले वर्षों के प्रश्नों (PYQs) का अध्ययन और विश्लेषण करते हुए, प्रश्नों का अभ्यास और अपनी तैयारी का परीक्षण कर सकते हैं। इसमें VisionIAS का Sandhan प्लेटफॉर्म सहायक सिद्ध हो सकता है। इस प्रकार से अभ्यास करना वास्तविक परीक्षा वातावरण के साथ तैयारी को अनुकूलित करता है और परीक्षा के पैटर्न को डिकोड करने की क्षमता विकसित करता हैं। इसके अतिरिक्त, मॉक टेस्ट्स का नियमित अभ्यास अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये न केवल ज्ञान की जांच करते हैं बल्कि समय प्रबंधन, कमजोर क्षेत्रों की पहचान और परीक्षा में संयम को मजबूत करने में भी सहायक होते हैं।
ABHYAAS

VisionIAS Mentoring Program
VisionIAS Test Series
पेपर + पैटर्न: इस बार कहाँ रहा UPSC का फोकस (UPSC Prelims 2025)
यह लेख अभ्यर्थियों को संपूर्ण प्रश्न पत्र का विश्लेषण प्रदान करता है, जिससे वे अपनी सुविधानुसार इसका अध्ययन कर सकें। साथ ही, इसमें प्रश्नों का विषयवार विस्तृत विश्लेषण (इतिहास, राजव्यवस्था, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा समसामयिक घटनाक्रम) प्रस्तुत किया गया है, जो पेपर की संरचना को व्यवस्थित रूप से समझने में सहायक है। ऐसा विभाजन इस बात को स्पष्ट करता है कि किन विषयों व टॉपिक्स पर अधिक बल दिया गया तथा आगे की तैयारी में किन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
UPSC Prelims 2025: प्रमुख विशेषताएं

Download UPSC Prelims 2025 Question Paper [PDF]
- Prelims 2025 Question Paper को डाउनलोड करने के लिए डायरेक्ट लिंक:
- GS Paper I PDF (hyperlink to be updated)
- CSAT (Paper II) PDF (hyperlink to be updated)
- इससे पूर्व के प्रश्न पत्रों को भी UPSC की आधिकारिक वेबसाइट से देखा जा सकता है-
- UPSC Previous Year Question Papers
- UPSC प्रश्न-पत्रों का हल
GS Paper I में विषय-वार वर्गीकरण (To be Updated)


VisionIAS GS फाउंडेशन कोर्स
CSAT में विषय-वार प्रश्न (Paper II)

विश्लेषण और अंतर्दृष्टि
PYQs से भविष्य का ट्रेंड
विगत वर्षों की UPSC प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न पत्र में हमेशा की भांति ही सतही ज्ञान के बजाय गहन संकल्पनात्मक समझ पर जोर देने की स्पष्ट प्रवृत्ति दृष्टिगत रही है। एक ही प्रश्न में कई टॉपिक्स को समेटने की यह प्रविधि जारी है, जिससे अंतर-विषयक तैयारी और भी महत्वपूर्ण हो गई है। पर्यावरणीय नीति, अंतर्राष्ट्रीय संबंध और भारतीय राजव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में समझ के व्यावहारिक अनुप्रयोग पर विशेष बल दिया गया। भविष्य के अभ्यर्थियों को अधिक विश्लेषणात्मक और विचारोत्तेजक (Thought-Provoking) प्रश्नों की अपेक्षा करनी चाहिए जो सिर्फ याद करने के बजाय निर्णय क्षमता और स्पष्टता की परख करते हैं।
कठिनाई स्तर: GS vs CSAT
सामान्य अध्ययन (GS) मध्यम स्तर की कठिनाई वाला रहता, जिसमें स्टैटिक और करेंट अफेयर्स आधारित प्रश्नों का मिश्रण रहता है और इसके लिए तैयारी की गहराई व विस्तार दोनों की आवश्यकता होती है। वहीं दूसरी ओर, CSAT कई अभ्यर्थियों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा, क्योंकि इसमें समय लेने वाले Reading Comprehension और जटिल Logical Reasoning के प्रश्न शामिल थे। CSAT की बढ़ती कठिनाई इस बात की पुष्टि करती है कि इसकी तैयारी केवल एक क्वालीफाइंग पेपर समझकर नहीं, बल्कि नियमित अभ्यास के साथ किए जाने की आवश्यकता है।
CSAT क्लासरूम प्रोग्राम
करेंट अफेयर्स और संकल्पनात्मक स्पष्टता का महत्व
UPSC प्रारंभिक परीक्षा में करेंट अफेयर्स का महत्व विगत वर्षों से बना हुआ है, लेकिन हाल के वर्षों में इन्हें सीधे या तथ्य-आधारित ढंग से नहीं पूछा जाता। बल्कि, पेपर में समसामयिक घटनाओं (Current Affairs) को मूल संकल्पनात्मक समझ के साथ गहराई से जोड़ा जाता है - विशेष रूप से पॉलिटी, इकोनोमी और विज्ञान व प्रौद्योगिकी जैसे विषयों में। उदाहरण के लिए, हाल के विधेयकों या अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से संबंधित प्रश्नों के लिए संवैधानिक प्रावधानों और वैश्विक संस्थानों की जानकारी आवश्यक थी। यह इस बात को रेखांकित करता है कि अभ्यर्थियों को समसामयिक घटनाओं के साथ मजबूत मूलभूत ज्ञान को जोड़ कर अध्ययन करना चाहिए।
इस एकीकरण को विकसित करने का एक प्रभावी तरीका डेली स्मार्ट क्विज़ का नियमित अभ्यास है, जो न केवल टॉपिक वाइज समझ को मजबूत करते हैं बल्कि प्रश्नों को हल करने के विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण को भी परिष्कृत करते हैं।
- मासिक मैगजीन
- PT 365
- Mains 365
2026 के अभ्यर्थियों के लिए सुझाव
- रटने के बजाय अवधारणात्मक स्पष्टता पर फोकस - NCERT और मानक पुस्तकों से मूलभूत अवधारणाओं को मजबूत कीजिए।
- PYQs और मॉक टेस्ट के माध्यम से एलिमिनेशन तकनीक और विश्लेषणात्मक तर्कशक्ति का अभ्यास कीजिए।
- नियमित अभ्यास (बोधगम्यता, तर्कशक्ति और बेसिक गणित) से CSAT की तैयारी को सुदृढ़ बनाइए।
- मासिक तैयारी के साथ-साथ टॉपिक के अनुसार दृष्टिकोण अपनाते हुए करेंट अफेयर्स को स्टेटिक विषयों से जोड़िए।
- पैटर्न पहचान और परीक्षा के लिए संयम विकसित करने के लिए PYQ हल कीजिए और टॉपिक-वाइज मॉक टेस्ट दीजिए।
FAQs
प्र. UPSC प्रारंभिक परीक्षा में CSAT के लिए Qualifying Marks क्या हैं?
उ. CSAT Qualifying Marks: अभ्यर्थियों को 200 में से 66.67 अंक (33%) से अधिक प्राप्त करने आवश्यक हैं। हालाँकि यह मेरिट में नहीं जुड़ते, लेकिन इसे पास न करने पर अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।
प्र. क्या CSAT 2025 पिछले वर्ष की तुलना में अधिक कठिन था?
उ. (to be updated)
प्र. UPSC प्रारंभिक 2025 के लिए Expected Cut-off क्या है?
उ. (to be updated)
प्र. UPSC प्रारंभिक 2025 के बाद तैयारी आदर्श रणनीति क्या होनी चाहिए?
उ. "प्रारंभिक के बाद UPSC मुख्य परीक्षा तैयारी कैसे शुरू करें"
प्र. प्रारंभिक के बाद निबंध की तैयारी कैसे शुरू करें?
उ. (to be updated)
प्र. प्रारंभिक के बाद अभ्यर्थी सबसे आम कौन-सी गलतियाँ करते हैं?
उ. (to be updated)